29 अप्रैल 2012
रायपुर। छत्तीसगढ़ के अपहृत जिलाधिकारी एलेक्स पाल मेनन की रिहाई सुनिश्चित कराने के लिए नक्सलियों के मध्यस्थों एवं राज्य सरकार द्वारा नामित वार्ताकारों के बीच रविवार रात हुई बातचीत में कोई रास्ता नहीं निकल सका। एक अधिकारी ने बताया कि दोनों पक्षों के मध्यस्थों के बीच बातचीत करीब चार घंटे तक चली। नक्सलियों के मध्यस्थ हैदराबाद के प्रोफेसर जी. हरगोपाल एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी बी.डी. शर्मा ने राज्य सरकार के मध्यस्थ मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच और राज्य के पूर्व मुख्य सचिव एस.के. मिश्रा के साथ नक्सलियों की मांगों पर बिंदुवार चर्चा की।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मध्यस्थों ने पाया कि नक्सलियों की मांगों पर कोई आम सहमति बना पाना मुश्किल है और अगली बैठक सुबह करने का निर्णय लिया।
रविवार रात की बैठक समाप्त करने के बाद सरकारी अतिथि गृह से बाहर निकले सरकार और नक्सलियों के मध्यस्थों ने वहां प्रतीक्षा में खड़े मीडियाकर्मियों को कोई जानकारी देने से इंकार कर दिया लेकिन सरकारी सूत्रों ने बताया कि मामले में गतिरोध कायम है और मध्यस्थ इस मसले पर सोमवार को कोई रास्ता निकालने का प्रयास करेंगे।
इसके पहले दिन में नक्सलियों के मध्यस्थ हरगोपाल एवं शर्मा जो छत्तीसगढ़ सरकार के संदेश के साथ शनिवार को जंगल में नक्सलियों से मिलने गए थे, वे रविवार सुबह उनका संदेश लेकर वापस आए। मध्यस्थों ने हालांकि, नक्सलियों से बातचीत के बारे में बताने से इंकार किया। उन्होंने बस इतना कहा कि जिलाधिकारी सुरक्षित हैं।
मध्यस्थों ने सुकमा के चिंतलनार में पत्रकारों से बताया, "हमने जंगल में रातभर के ठहराव के दौरान नक्सलियों के शीर्ष नेताओं से वार्ता की। हमने मेनन को छोड़ने के लिए उनकी दोनों मांगों पर सरकारी मध्यस्थों के साथ रायपुर में जो बात हुई उसके विषय में उन्हें उसकी जानकारी दी।"
उन्होंने कहा, "जिलाधिकारी मेनन सुरक्षित हैं। हम नक्सलियों के साथ सम्पन्न वार्ता की जानकारी रायपुर में सिर्फ सरकारी मध्यस्थों को देंगे।"
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार मेनन को सुरक्षित छुड़ाने के लिए अत्यधिक प्रयासरत है और इसके लिए सरकार ने नक्सलियों की दोनों मांगों 17 कैदियों की रिहाई एवं नक्सल विरोधी ऑपरेशन ग्रीन हंट को रोकने के सम्बंध में सकारात्मक संदेश दे दिया है।
उल्लेखनीय है कि नक्सलियों ने 2006 बैच के आईएएस अधिकारी मेनन को 21 अप्रैल को अगवा कर लिया था।
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